सड़क की मांग को लेकर डुमक गांव के ग्रामीणों ने किया सामुहिक उपवास, उग्र आंदोलन की चेतावनी

ज्योतिर्मठ प्रखंड के दूरस्थ गांव डुमक के ग्रामीण पिछले 25 दिनों से क्रमिक अनशन और धरना प्रदर्शन कर रहे है। आज आंदोलन के 26वें दिन समस्त ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर सामूहिक उपवास रखा।

उससे पूर्व ग्रामीणों ने सड़क निर्माण के लिए लिए जिम्मेदार विभाग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और सड़क के लिए आंदोलित ग्रामीणों की अनदेखी कर रहे प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों ने रैली निकाली और नारेबाजी की। उपवास और रैली में गांव की सभी महिलाएं, बच्चों और आन्दोलन कर रहे लोग शामिल हुए। डुमक गांव के ग्रामीण लंबे समय से सैंजी लगा मैकोट, मठ, बेमुरु सड़क को डुमक, कलगोठ, उर्गम सड़क से जोड़ने की मांग कर रहे है लेकिन ग्रामीणों की मांग पर न तो विभाग गंभीरता से कार्य कर रहा है और न ही शासन-प्रशासन उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही कर रहा है। जिससे गुस्साए ग्रामीण पिछले 26 दिनों से गांव में ही धरने पर बैठे है। आज सभी ग्रामीणों ने सड़क के लिए उपवास रख कर अपना विरोध दर्ज किया। उपजिलाधिकारी जोशीमठ चंद्र शेखर वशिष्ठ पूर्व में डुमक गांव वार्ता के लिए गए थे लेकिन वार्ता विफल रही थी अब उपजिलाधिकारी जोशीमठ लगातार डुमक गांव के ग्रामीणों से फोन वार्ता कर मनाने का प्रयास कर रहे है लेकिन ग्रामीण सड़क निर्माण पर अड़े है। अब ग्रामीणों से चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर कार्यवाही नहीं होती है तो वो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। आज उपवास पर विकास संघर्ष समिति डुमक के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भंडारी, प्रेम सिंह, अंकित भण्डारी समेत समस्त ग्रामीण मौजूद थे।

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